प्यारे बच्चों , तुम्हारी सुन्दर सी धरती के रंगबिरंगे फूल ,नीले झरने ,सफ़ेद बादल चुप रहकर भी कुछ गाते हैं। आओ ; इन्हें पढ़ो ; इनकी आवाज़ को महसूस करो।
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सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
जी मेल
मेलों में एक मेल जो आई नहीं थी ये रेल । संदेश सैकेंडों में पहुंचाती , किए बिना हेल-मेल। नाम डालो, धाम डालो टिकट का नहीं खेल। नहीं कोई और ये अपनी नाम इसका 'जी मेल'। पल्लवी गोयल (चित्र गूगल से साभार )
शत् प्रतिशत सही अवलोकन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद पुरुषोत्तम जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रशंसा जी मेल की
जवाब देंहटाएंधन्यवादआदरणीय।
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