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बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

कोयल


मैं कोयल काले रंगत की 
पर मन न मेरा काला 
मीठे-मीठे बोल, बोलकर, 
कर दूँ मन मतवाला।


कौआ नहीं है मेरा भइया,
माना रंग है उसका काला।
काँव-काँव का कर्कश बाजा,
कान हमेशा बंद करवाता ।

सच कहती हूँ प्यारे बच्चों ,
तुम मेरे ही गुण अपनाना।
ऊँच-नीच का भेद भूलकर,
गीत से मीठे बोल सुनाना।
पल्लवी गोयल 
(चित्र गूगल से साभार )





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