हरे हरे पंख हैं मेरे,
चोंच लाल लाल।
राम राम करता हूं मैं
पिंजरा हो या डाल
सारे जहाँ में उड़ता
खाता आम, मिर्ची
तीखा खाने पर भी
ज़ुबान है मेरी मीठी
प्यारे बच्चों , तुम्हारी सुन्दर सी धरती के रंगबिरंगे फूल ,नीले झरने ,सफ़ेद बादल चुप रहकर भी कुछ गाते हैं। आओ ; इन्हें पढ़ो ; इनकी आवाज़ को महसूस करो।