आज चाँद जब पूरा निकला मयंक ने उसे बड़े ध्यान से देखा और अपने बिस्तर के चारों कोने में हाथ -पैर फैला कर लेट गया और दादी से पूछा," क्या मैं चाँद जैसा दिख रहा हूं ?"दादी ने कहा ,"हाँ।" माँ ने पूछा," मयंक तुम चाँद जैसे क्यों दिखना चाहते हो?" उसने धीरे से कहा," माँ,मैैं तो बिलकुल नहीं दिखना चाहता पर दादी कहती है ,मैं चाँद जैसा दिखता हूं इसी से मेरा नाम भी 'मयंक 'रखा है। इसलिए रोज बिस्तर पर लंबा लेटता हूं ।मैं गोल हो गया तो वह मुझे आसमान पर भेज देंगी ना।"
पल्लवी गोयल
चित्र गूगल से साभार
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