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मंगलवार, 3 नवंबर 2015

लाल परी




१ 

  सुर्ख गुलाब राजा पृथ्वी का 
स्वर्ग लोक की मैं  रानी 
गुलाब ,गुलाल ,गोल सूरज से 
रंग लेने की ठानी 
शोख , चंचल , अतुल्य सुंदरी 
लाल परी  की यही कहानी
   
 २ 

चम चम चमकता जल प्रतिबिंब 
जब परी  लोक चमकाता 
सुनसान अँधेरी रातों का जुगनू 
जब धरती पर दीप जलाता 
मंद बयार बहती हौले से 
जब पत्तों को छू जाती 
परी लोक की लाल परी  तब 
इस रुपहली  दुनिया में आती 

शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

आदर किसका...

आदर है एक भाव का नाम, 


स्वाभाविक धर्म का यह धाम। 

यह किए कराए आता, 

कर्ता के हृदय में सहज समाता।

आदर करो उस सूर्य का, 


जो बिना थके चलता रहता। 

निस्वार्थ भाव से बढ़ता जाता, 

चैन की साँस  कभी    लेता।

आदर  करो  उस  वृक्ष का, 


जो  मानवता लिए  जीते  जाते। 

आँख खोली, बाँटा  जीवन, 

मृत्यु  हमें  देते  जाते।

आदर  करो उस नारी  का, 


जिससे  धरती  का  वज़ूद। 

त्याग, ममत्व, सौंदर्य  धरती  का, 

ईश्वर का अनोखा रूप।

आदर  करो  उस  गुरु  धर्म का, 


जो  है  शिष्य  का  अभिमान। 

विश्वासश्रद्धा , आज्ञापालन, 

डालते  इसमें  स्वत: प्राण।

आदर  करो उस  धर्म का, 


सदैव  बनाता  हमें  महान। 

अच्छा, बुरा, सही, गलत, 

पाप - पुण्य का देता  ज्ञान।

आदर  करो उस देशप्रेमी का, 


देश अन्न का  कर्ज  चुकाता। 

जीते  कर्म  करता  जाता, 

मर के  नाम  अमर  कर  जाता।

आदर करो उस परमपिता  का, 


जिसका  अरूप  होता  स्वरूप। 

दिखता कभी नहीं  हमको, 

देता  हमको बल, बुद्धि, रूप।


आदर  करो  उस स्वत: अस्तित्व  का, 


जो   कण  है  उस परमपिता  का। 

अक्स  बनाए  स्वयं को  उसका, 

धर्म  सजाए , कर्म के  रूप। 


सोमवार, 17 अगस्त 2015

तोताराम

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हरे  हरे  पंख  हैं  मेरे,
चोंच  लाल  लाल।
राम राम  करता हूं  मैं
पिंजरा  हो  या  डाल
सारे जहाँ  में  उड़ता
खाता आम, मिर्ची
तीखा  खाने  पर भी
ज़ुबान  है  मेरी  मीठी 

सोमवार, 10 अगस्त 2015

रंगबिरंगे प्यारे पक्षी

1 
मैं  हूँ  छोटा  प्यारा  पक्षी 
पैर  भी  मेरे  छोटे 
पर  भगवान  ने  दिए हैं  
मुझको  पर  मोटे  मोटे 
दोनों  पर  फैलाकर  अपने 
सैर  करता  दुनिया की 
  हरे  पहाड़,  नीली  नदी 
सब  रंगरंगीली  दिखती 
घर  है  मेरा  घोंसला 
वहां  चूं चूं  चूं मैं  करता 



2
मैं  होता  यदि  प्यारा  पक्षी, 
पँख  बड़े  फैलाता। 
उड़ते - उड़ते  
इस  रंगबिरंगी, 
दुनिया की सैर 
कर  आता। 
बच्चे  कहते 
नीचे  आओ, 
और  ऊँचे  उड़  जाता। 
जाते  जाते  ऊँचे ऊपर, 
आकाश  को  छूकर  आता।