पल्लवी गोयल
चित्र गूगल से साभार
प्यारे बच्चों , तुम्हारी सुन्दर सी धरती के रंगबिरंगे फूल ,नीले झरने ,सफ़ेद बादल चुप रहकर भी कुछ गाते हैं। आओ ; इन्हें पढ़ो ; इनकी आवाज़ को महसूस करो।
एक छोटी सी लड़की थी हमेशा खुश रहती थी जब दस साल की थी ,उसकी माँ गुजर गईं।वह बहुत दुखी रहने लगी ।पिताजी ने दूसरी शादी कर ली थी। पूरे संसार में अपने आप को अकेला महसूस करने लगी ।
उसकी दादी ही उसकी सबसे बड़ी शुभचिंतक थीं। जब भी बहुत उदास होती, दादी की गोद में सिर रख कर सो जाती थी ।जब तेरह साल की थी ।उसके स्कूल में कुछ लोग आए और उन्होंने बताया जिन लोगों को तैराकी आती है ,वे अपना नाम दे दें । एक महीने बाद उनके बीच में एक प्रतियोगिता होगी ।जो भी जीतेगा उसे दिल्ली आगे की प्रतियोगिता में भेजा जाएगा। उसे लड़की ने अपना नाम लिखवा दिया ।
जब उसने दादी जी को यह बात बताई ।वह बहुत खुश हुईं। दादी जी ने तैराकी स्कूल में लड़की का नाम लिखवा दिया ।लड़की ने जी-जान लगाकर तैराकी सीखना शुरू किया ।उसे उसकी मंजिल मिल गई थी।